एक आँगन धूप
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गुरुवार, 19 नवंबर 2009
एक आँगन धूप
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एक आँगन धूप का
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एक तितली रंग
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एक भँवरा गूँजता दिनभर
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एक खिड़की-
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दूर जाती सी सड़क के साथ
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जैसे गुनगुनाती आस
1 टिप्पणी:
कबीर कुटी - कमलेश कुमार दीवान
29 नवंबर 2009 को 2:35 am बजे
achchi prastutikarn hai badhi
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