एक आँगन धूप
कुछ ऐसी क्षणिकाएँ जो गीत तक नहीं पहुँचीं
मेरे अन्य ब्लॉग
Min bopæl - मेरा पता डैनिश में
Чайхана - चाय-गुमटी रूसी में
अभि-अनु सूचनाएँ
चोंच में आकाश
नवगीत की पाठशाला
शुक्रवार चौपाल
सोमवार, 25 अप्रैल 2011
धूप-छाँह
तरुवरों से घिरा रस्ता
धूप थोड़ी छाँह थोड़ी
जिंदगी सा-
नजर तक
आता था सीधा
अंत पर दिखता नहीं था
सोमवार, 4 अप्रैल 2011
०२. बुदापैश्त
झर रही है धूप झिलमिल
पत्तियों से
ढँक रहीं पूरा भवन
कोमल लताएँ
और
दीवारों की ईँटें बोलती है
शुक्रवार, 1 अप्रैल 2011
०१. बुदापैश्त
शहर यह
सुंदर बहुत है
धूप की स्मित मधुर है
हवा में ठंडक बहुत है
नई पोस्ट
पुराने पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
संदेश (Atom)