कुछ ऐसी क्षणिकाएँ जो गीत तक नहीं पहुँचीं
पूर्णिमा जी, बहुत दिनों के बाद आपके द्वार पर पहुंच सका। क्षमाप्रार्थी हूं। यहां पर तो आपकी हर क्षणिका अपने आप में अलग प्रभाव डालने वाली है। ब्लाग की नई साज सज्जा आकर्षक है।
क्षणिका और साज सज्जा पसंद करने के लिये धन्यवाद हेमंत जी।
पूर्णिमा जी, बहुत दिनों के बाद आपके द्वार पर पहुंच सका। क्षमाप्रार्थी हूं। यहां पर तो आपकी हर क्षणिका अपने आप में अलग प्रभाव डालने वाली है। ब्लाग की नई साज सज्जा आकर्षक है।
जवाब देंहटाएंक्षणिका और साज सज्जा पसंद करने के लिये धन्यवाद हेमंत जी।
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