एक आँगन धूप
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शुक्रवार, 1 अप्रैल 2011
०१. बुदापैश्त
शहर यह
सुंदर बहुत है
धूप की स्मित मधुर है
हवा में ठंडक बहुत है
1 टिप्पणी:
Shikha Kaushik
22 अप्रैल 2011 को 12:16 pm बजे
bahut mohak abhvyakti ...badhai
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